Anganwadi workers protest Delhi: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मिड डे मील वर्करों की समस्याओं को लेकर नाहन में सीटू के बैनर तले एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में इन वर्करों की वेतन से जुड़ी समस्याओं और पोषण ट्रैकर चलाने में आने वाली दिक्कतों पर विस्तार से चर्चा की गई। सीटू के जिला महासचिव आशीष कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।
सरकार द्वारा उन्हें बंद करने की अधिसूचना जारी करने और फरवरी माह से वेतन न मिलने के कारण वे आर्थिक संकट से जूझ रही हैं। मुख्यमंत्री द्वारा मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बनाए रखने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन इस संबंध में कोई आधिकारिक अधिसूचना नहीं आई है। आशीष कुमार ने बताया कि मिड डे मील यूनियन 3 दिसंबर को संसद का घेराव करेगी। इसके अलावा, 26 फरवरी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दिल्ली में प्रदर्शन करेंगी। इस प्रदर्शन में हिमाचल प्रदेश से हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मिड डे मील वर्करों के शामिल होने की उम्मीद है।
जिला उपाध्यक्ष, आंगनबाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स यूनियन, देवकुमारी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विभाग द्वारा दिए गए मोबाइल उपकरणों में पोषण ट्रैकर चलाने में दिक्कत हो रही है। सभी गतिविधियों को ऑनलाइन अपडेट करना अनिवार्य है, लेकिन मोबाइल उपकरण इस काम के लिए उपयुक्त नहीं हैं। उन्होंने सरकार से उच्च गुणवत्ता वाले मोबाइल उपकरण उपलब्ध कराने की मांग की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 10 महीनों से वेतन नहीं मिला है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 11 वर्षों से मिड डे मील वर्करों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। इसके अलावा, प्रदेश में उच्च न्यायालय के उन आदेशों की भी अनदेखी की जा रही है, जिसमें मिड डे मील वर्करों को 12 महीने का वेतन देने की बात कही गई थी।